नए नियमों के बाद कैसे मिलेंगे गोल्ड-सिल्वर (Gold-Silver) लोन, समझिए छोटे कर्जदारों को छूट और गिरवी के पूरे नियम ।

भारत में गोल्ड और सिल्वर लोन लंबे समय से आसान और त्वरित कर्ज के प्रमुख साधन रहे हैं। लोग अपनी सोने-चांदी की ज्वेलरी गिरवी रखकर तुरंत नकदी प्राप्त कर लेते हैं। बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियां (NBFCs) दोनों ही यह सुविधा देती हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अनियमिताओं व जोखिमों को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने गोल्ड सिल्वर लोन से जुड़े नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को सुरक्षा प्रदान करना, कर्ज प्रकिया को पारदर्शी बनाना और छोटे कर्जदारों को राहत देना है।

आइए समझते हैं कि नए नियमों के बाद गोल्ड-सिल्वर लोन कैसे मिलेंगे, क्या बदलाव है और छोटे कर्जदारों को क्या लाभ मिलेगा।

1.गोल्ड-सिल्वर लोन के लिए अपडेटेड LTV नियम

LTV(Loan to Value) यानी गिरवी रखी ज्वैलरी की कीमत पर अधिकतम कितना लोन मिलेगा, इससे जुड़ा सबसे अहम बदलाव यह है कि अब बैंक और NBFCs मूल्यांकन के लिए केवल मानकीकृत और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएंगे।

सोने पर मिल सकने वाला अधिकतम LTV

• आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार सोने पर अधिकतम 75% तक ही लोन दिया जा सकेगा।

• महामारी के दौरान 90% LTV की छूट दी गई थी, जिसे अब वापस 75% कर दिया गया है।

• इससे कर्ज देने वाली संस्थाओं के लिए जोखिम कम होगा और मूल्यांकन प्रक्रिया एकसमान बनेगी।

चांदी (सिल्वर) पर LTV

•चांदी के लोन में जोखिम ज्यादा होने के कारण आमतौर पर 50-60% LTV ही रखा जाता है।

• नए नियम के बाद NBFCs द्वारा अपनी आंतरिक जोखिम नीति के अनुसार LTV तय किया जा सकेगा, लेकिन ओवरवैल्युएशन पर सख्त रोक रहेगी।

2. अब कैसे होगा ज्वैलरी का वैल्युएशन ?

नए दिशानिर्देशों में वैल्युएशन की प्रक्रिया को काफी पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।

दो- स्तरीय वैल्युएशन अनिवार्य

1. प्रथम मूल्यांकन – संस्थान का प्रशिक्षित और प्रमाणित वैल्यूअर करेगा।

2.द्वितीय पुष्टि – स्वचालित या डिजिटल टूल की मदद से सत्यापित की जाएगी।

इससे कीमत बढ़ाकर लोन लेना या धोखाधड़ी रोकना आसान होगा।

मूल्यांकन के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें

• सोने की शुद्धता(कैरेट) की जांच मशीन द्वारा की जाएगी।

• पत्थरों, नकली मिक्सिंग और डिजाइन का मूल्य लोन में शामिल नहीं होगा।

• चांदी की शुद्धता की अलग से जांच की जाएंगी और उसी आधार पर कीमत तय होगी।

3. छोटे कर्जदारों को मिली बड़ी राहत

नए नियमों में छोटे उदाहरकर्ताओं के लिए खास प्रावधान किए गए हैं, जिससे उन्हें आसानी से लोन मिल सके और दस्तावेज का बोझ भी कम हो।

कौन हैं छोटे कर्जदार ?

• जिनका लोन राशि 2 लाख रूपये या उससे कम होता है, उन्हें छोटे कर्जदारों के श्रेणी में रखा गया है।

छूट और सुविधाएं

• सरल KYC: आधार और एक अन्य पहचान पत्र से लोन मिल सकेगा।

• कम प्रोसेसिंग शुल्क: छोटे कर्ज पर प्रोसेसिंग फीस बहुत कम रखी गई है।

• तेज स्वीकृति: डॉक्यूमेंट कम होने से लोन 30 मिनट से 2 घंटे के भीतर मिल सकता है।

• पेनल चार्ज पर नियंत्रण: अतिरिक्त ब्याज या जुर्माना सीमा से अधिक नहीं लिया जा सकेगा।

• गिरवी सुरक्षा गारंटी: छोटे कर्जदार की ज्वेलरी संस्थान उच्च सुरक्षा मानकों में रखेगा, चोरी/नुकसान की जिम्मेदारी संस्था की होगी।

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